
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह आयोग 2026 से लागू किया जाएगा। इसके साथ ही इसके अध्यक्ष और दो सदस्यों के नाम भी जल्द ही घोषित किए जाएंगे।
8वें वेतन आयोग का इंतजार
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसको लेकर काफी समय से चर्चा हो रही थी। अब प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी मंजूरी दे दी है और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इसकी जानकारी दी है। 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था और इसका कार्यकाल 2026 तक था। अब 8वें वेतन आयोग का गठन जल्द होने वाला है।
कब होगा लागू?
8वां वेतन आयोग 2026 से लागू होने की संभावना है। हालांकि इसकी घोषणा जल्दी की गई है ताकि इसके गठन के समय कर्मचारियों से सुझाव और सिफारिशें सही तरीके से लिए जा सकें। इसके लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही रिटायर कर्मचारियों की पेंशन और भत्तों में भी वृद्धि की संभावना है।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 8वें वेतन आयोग के लिए अध्यक्ष और दो सदस्य जल्दी ही नियुक्त किए जाएंगे। इसके लागू होने के बाद सैलरी में क्या बदलाव हो सकते हैं? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि फिटमेंट फैक्टर में क्या बदलाव होता है। वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जिसके कारण न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था।
अब 8वें वेतन आयोग के लिए 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग की जा रही है। अगर यह लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये हो सकता है। इसी तरह, न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है। प्रमोशन और सैलरी बढ़ने पर पेंशन में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
क्या है 8वां वेतन आयोग?
केंद्र सरकार हर दस साल में एक वेतन आयोग का गठन करती है, जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बदलाव की सिफारिश करता है। पिछला, यानी 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित किया गया था, और इसे 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। इस आयोग के तहत कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया था।
8वें वेतन आयोग का महत्व
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बदलाव करेगा, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक रूप से फायदा होगा। इसके लागू होने से उनकी सैलरी में बढ़ोतरी होगी और साथ ही रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन में भी सुधार होगा।